Sunday, 1 April 2018

2 अप्रैल के भारत बंद को 22 संगठनों का समर्थन

जय भीम  जय भारत
एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के कुछ प्रावधानों को निष्प्रभावी करने के विरोध में भीम आर्मी ने 2 अप्रैल को भारत बंद किया है। प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक राज ने कहा कि एससी-एसटी सहित ओबीसी के 22 संगठनों ने बंद का समर्थन किया है। इसकी सफलता के लिए संत रविदास आश्रम में बैठक हुई। मांग की गई कि निष्प्रभावी किए गए प्रावधानों को फिर से लागू कराया जाए, ताकि एससी-एसटी को न्याय मिल सके। बैठक में अमरजीत कुमार राम, त्रिलोकी मांझी, सुरेंद्र महान, विनोद कुमार मरांडी, चंदन कुमार, मनोज कुमार, दिनेश कुमार आदि मौजूद थे।

SC-ST एक्ट में बदलाव के खिलाफ लोग उतरेंगे सड़कों पर, 2 अप्रैल को भारत बंद का किया एलान
 तमाम सामाजिक संगठन, दलित संगठन और दलित समाज से जुड़े लोगों ने दो अप्रैल को भारत बंद का ऐलान किया है। इनका आरोप है कि SC-ST अत्याचार निरोधक अधिनियम को कमजोर किया गया है।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम में कुछ बड़े बदलाव किए।

कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति और अन्य सामाजिक कार्यकर्ता दो अप्रैल को देशभर में विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं। वरिष्ठ पत्रकारदिलीप मंडल ने अपनी फेसबुक डीपी बदलकर इस प्रदर्शन का समर्थन किया है।


छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एससी-एसटी एक्ट मामला समेत जिले की 16 सूत्री मांगों को लेकर आगामी 2 अप्रैल को कांग्रेस की विशाल रैली है. आपको बता दें कि कांग्रेस की रैली में कांग्रेस उपनेता प्रतिपक्ष कवासी लखमा समेत बस्तर के विधायक भी शामलि होंगे.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी एक्ट में संशोधन किए जाने के विरोध में कई सामाजिक संगठन सामाने आ गए हैं. संशोधन को समाप्त कर एक्ट को पहले की भांति रखने की मांग की जा रही है. अनुसूचित जाति और अनुसचित जनजाति के लोग इस एक्ट को शिथिल करने के विरोध में आगामी 2 अप्रैल को भारत बंद का ऐलान किया है.

वहीं मामले में उपनेता प्रतिपक्ष कवासी लखमा भी भारत बंद का समर्थन करते हुए क्षेत्र की 16 अन्य मांगों को लेकर जिला मुख्यालय में रैली और महासभा का आयोजन रखा है. इसमें बस्तर संभाग के विधायक समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे. कवासी लखमा का कहना है कि मोदी सरकार द्वारा एससी-एसटी एक्ट मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है.

उपनेता प्रतिपक्ष कवासी लखमा का कहना है कि आगामी 2 अप्रैल को सबसे पहले बस्तर संभाग के सुकमा जिले में कांग्रेस की विशाल रैली का आयोजन होगा. इसमें वे राज्यपाल के नाम से जिले के 16 सूत्री मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपेगे.

दो अप्रैल को बंद कराया जाएगा केयू

कुरुक्षेत्र। एससी एसटी एक्ट में बदलाव के विरोध में दो अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया गया है। इसी को लेकर शनिवार को कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय के डॉॅ. भीम राव अंबेडकर स्टडी सेंटर में अंबेडकरवादी छात्र संगठनों, डॉ. अंबेडकर अनुसूचित कर्मचारी संघ, डॉ. अंबेडकर अनुसूचित शिक्षक संघ की सामूहिक बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया की भारत बंद को ध्यान में रखते हुए विश्विद्यालय को बंद कराया जाएगा। इसके लिए रणनीति बनाते हुए जवाहर लाल नेहरू लाइब्रेरी के सामने शांति पूर्ण विरोध प्रदर्शन करते हुए विश्विद्यालय बंद कराया जाएगा। इसके साथ ही डॉ. आंबेडकर चौक तक रोष मार्च निकाला जाएगा। इस मौके पर अंबेडकरवादी छात्र संगठनों के प्रतिनिधि, कर्मचारी संघ, शिक्षक संघ के पदाधिकारी मौजूद थे।



 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण कानून के संबंध में उच्चत्तम न्यायालय के फैसले के विरोध में संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने दो अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया है। समिति के प्रधान कुलवंत सिंह भरोमाजरा ने आज अन्य संगठनों के नेताओं सहित एक संयुक्त प्रेसवार्ता में कहा कि डा. भीमराव अम्बेडकर ने दलितों के उत्थान को ध्यान में रख कर भारत के संविधान का निर्माण किया था। 
उन्होंने कहा कि केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी साजिश के तहत संविधान की धाराओं के साथ छेड़छाड़ कर रही है जिसके कारण देश भर में डा. भीमराव अम्बेडकर के नाम पर बनी दलित सभाओं में भारी रोष उत्पन्न हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर उच्चत्तम न्यायालय ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो दो अप्रैल को देश भर में बंद कर शांतिमय धरना- प्रदर्शन किया जाएगा।

उन्होंने सभी राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक तथा व्यापारिक संगठनों से भारत बंद को सफल बनाने की अपील की है।  इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष महिन्द्र सिंह, वरिष्ठ उपप्रधान संत देस राज गोविंदपुरा, महासचिव निर्मल सिंह, अखिल भारतीय आदि मिशन पंजाब के प्रधान मदन लाल रंधावा, अंबेडकर सेना और सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान चंदन ग्रेवाल उपस्थित थे। 
सुप्रीम कोर्ट की ओर से एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ सोमवार को घोषित भारत बंद का कई संगठनों ने समर्थन किया है. इसके तहत कई पार्टियों और संगठनों के कार्यकर्ता सोमवार को सड़कों पर उतरेंगे. संगठनों की मांग है कि अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन को वापस लेकर एक्ट को पूर्व की तरह लागू किया जाए.
SC/ST एक्ट में संशोधन के खिलाफ खड़े हुए झारखंड के दर्जनों संगठन, 2 अप्रैल को भारत बंद, अलर्ट जारी
 एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों को शिथिल करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के विरोध में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों और उससे जुड़े संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद बुलाया है. बंद को झारखंड के दर्जनों सामाजिक और राजनीतिक संगठनों का समर्थन मिल गया है. रविदास जयंती पर आयोजित होने वाले इस भारत बंद को लेकर खुफिया विभाग ने झारखंड सरकार को अलर्ट किया है.

आदिवासी छात्र संघ, रांची विश्वविद्यालय के अध्‍यक्ष संजय महली ने कहा है कि 2 अप्रैल का बंद ऐतिहासिक होगा. बंद को सफल बनाने के लिए रणनीति तैयार कर ली गयी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए छोटे-छोटे समूह बनाये गये हैं,  जो विभिन्‍न इलाकों में बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरेंगे.
2  अप्रैल को भारत बंद में शामिल होगी नगर निगम सफाई मजदूर यूनियन
नगर निगम सफाई मजदूर यूनियन (रजि.) फगवाड़ा ने एस.सी./एस.टी. एक्ट के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए फैसले के रोष स्वरूप 2 अप्रैल को विभिन्न संगठनों द्वारा किए जा रहे भारत बंद में शामिल होने का ऐलान किया है।

यहां नगर निगम कमिश्नर को इस हड़ताल संबंधी लिखित पत्र देकर अवगत करवाने के उपरांत यूनियन के प्रधान रोशन लाल सेठी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय का एस.सी./एस.टी. एक्ट को लेकर दिया गया फैसला पीड़ादायक है। इसके खिलाफ सख्त कानून बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि उक्त हड़ताल में सफाई मजदूर यूनियन के अलावा म्यूनिसिपल सफाई कर्मचारी यूनियन इंटक भी शामिल होगी। 
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