जय भीम साथियों
उत्तर प्रदेश में बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने अब पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि पार्टी में दलितों पिछड़ों के साथ इंसाफ नहीं हो रहा इसलिए वह एक अप्रैल को लखनऊ में रैली करेंगी. वह इस मुहिम में मायावती से भी जुड़ने को तैयार हैं. उधर, यूपी सरकार में सहयोगी दल के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी फिर सरकार के कामकाज़ से नाराज़गी जताई है.
एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर विपक्ष के साथ-साथ सरकार में भी खलबली है. सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर पुनर्विचार याचिका दाख़िल करने की अर्ज़ी को लेकर एनडीए के सभी दलित सांसद पीएम नरेंद्र मोदी से संसद में मुलाकात करेंगे. कांग्रेस भी सरकार से इस फ़ैसले पर पुनर्विचार याचिका देने की मांग कर रही है. वहीं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग आज राष्ट्रपति से मिलेगा और उसने पीएम मोदी से भी मिलने के लिए समय मांगा है.
वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति( अत्याचार निवारण) अधिनियमके संबंध में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर केन्द्र सरकार से तत्काल पुनरीक्षण याचिका दायर करने की मांग की है.
सेवा में
सर्व श्री,
1-उदित राज
2-प्रो0 राम शंकर
3-साध्वी सावित्री बाई फूले
4-कमलेश पासवान
5-श्रीमति प्रियंका सिंह रावत
6-अशोक कुमार दोहरे
7-अंशुल वर्मा
8-राजेश कु0 दिवाकर
9-भानु प्रताप सिंह
10-विनोद कुमार सोनकर
11-श्रीमती नीलम सोनकर
12-श्रीमती अंजू बाला
13-कौशल किशोर
14-डॉ0 यशवंत सिंह
समस्त एस०सी०/एस०टी० सांसद, भारत सरकार
विषय:-117वॉ संविधान संशोधन (प्रोन्नति में आरक्षण बिल) लोकसभा में पास कराओ या इस्तीफा दो
महोदय/महोदया
आपको भली भांति अवगत है कि 117 वां संविधान संसोधन बिल राज्य सभा से पारित हो चुका है और लोक सभा में लम्बित है।जब कि यह बिल 1995 से लम्बित था आप जिस पार्टी से जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं उस सरकार ने अपनी दलितविरोधी मानसिकता का उदाहरण दे दिया है।
आप यूपी से लोक सभा की उन सीटों से सांसद है जो भारत के संविधान में उल्लेखित प्रतिनिधत्व अधिकार पर संरक्षित है इसलिए आज आप सांसद है और संसद मे दलित समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं किन्तु आप अपने दलित समाज के अधिकारो के लिए संसद मे आवाज क्यों नहीं उठाते हो।
आप की सरकार पूर्ण बहुमत की सरकार है आप सभी दलित सांसद सरकार पर दबाव क्यों नहीं बनाते हो। ऐसी क्या मज़बूरी है की आप सामूहिक रूप से प्रधानमंत्री को इस्तीफा क्यों नही सौंप देते है क्यों आप सक्रिय भूमिका नहीं अपनाते हो??
आप भी बाबा साहेब को धोखा दे रहे हो। आप समाज के प्रति ज़िम्मेदार नहीं हो। आप ने आरक्षण के बल पर सांसदी तो ले ली लेकिन आप उन लाखों लोगों की ओर नहीं देख रहे हैं जो आप की निष्क्रियता के कारण तमाम कानूनी/ सरकारी बाध्यताओं को झेलने को मजबूर है कुछ तो शर्म करो।
यदि आप सक्रिय भूमिका नहीं अदा कर सकते तो आप या तो बिल पास कराओ या समाज के लोगो के बीच मत जाओ। आप का समाज के लोग इस्तीफा मांग रहे हैं आप चुन सकते हैं
सांसदी या समाज।
वर्ना वो दिन दूर नही जब समाज के लोग बहिष्कार करंगे।
अतः आप से आग्रह है कि 117वॉ संविधान संशोधन बिल पास कराओ या इस्तीफा दो।
" इस मैसेज को इतना शेयर करें कि सभी दलित सांसदों तक पहुँच जाये।
फूलन देवी एक ऐसी साहसी महिला थी जिसके कारण ही sc st एट्रोसिटी कानून बना था..उसने 22 राजपूत लोगो की गर्दन काटकर अपने साथ हुए रेप का बदला लिया था.........
ईसी कारण ये कानून राजीव गांधी ने बनवाया था वो सरकार डर गई थी की कही ऐसा ना हो की sc/st के लोग मारने काटने पर उत्तर जाए.....
इतिहास गवाह हे जब जब अपने लोगो ने अपनी ताकत दिखाई है...इतिहास ही बदल दिया है....पर हमारे लोग सो रहे हे अभी...
जब एक महिला इतना साहस कर सकती है तो देश के 20 करोड़ sc और 10 करोड़ st क्या कर रहे है..
एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष और सरकार आमने-सामने आ गई है. जब से यह फैसला आया है, तब से कांग्रेस इस फैसले से नाराज चल रही है. मगर अब कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी की नेतृत्व में संसद परिसर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया और सरकार से एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मांग की. इस दौरान नारे लगाए जा रहे थे- दलितों के सम्मान में, राहुल गांधी मैदान में. बताया जा रहा है कि इस कानून को कानून को हल्का बनाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से न सिर्फ कांग्रेस पार्टी नाराज चल रही है, बल्कि बीजेपी के भी दलित नेता नाराज चल रहे हैं.
एससी-एसटी एक्ट में फौरन गिरफ्तारी ना करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस ने इसको लेकर सीधा केन्द्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। शुक्रवार को संसद में विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने ठीक तरीके से कोर्ट में पक्ष नहीं रखा।
एससी-एसटी एक्ट पर रिव्यू पेटिशन की मांग
संसद परिसर में गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस नेताओं ने एससी-एसटी एक्ट पर सरकार से रिव्यू पेटिशन दाखिल करने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने यह नारे लगाए- ‘दलितों के सम्मान में, राहुल गांधी मैदान में।’
जय भीम जय भारत
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